पंच विकार

मानव के शरीर में पाँच विकार होते हैं । ये हैं काम क्रोध लोभ मोह अहंकार ।

भगवान की प्राप्ति के लिए इन विकारों पर नियंत्रण अति आवश्यक  है । कोई भी साधना तभी सफल कहलयगी जब इन विकारों पर नियंत्रण होगा। 

मोह को  (संसार की नश्वरता पर विचार करने से),  क्रोध को क्षमा से, लोभ को सन्तोष से और अहंकार को नम्रता से जीत सकते हैं । 

अपने आपको पूरी तरह भगवान में समर्पित करने वालों में ये विकार धीरे धीरे नष्ट हो जाते हैं । 

ॐ नम: शिवाय